हिमांशु चौधरी
पिता : स्वर्गीय कामेश्र्वर चौधरी,माताः श्रीमती चन्द्रावती चौधरी,जन्मः वि स २०२०/६/५ लहान, सिरहा,शिक्षाः स्नातकोत्तर(नेपाली),पेशाः पत्रकारिता (सम्प्रति : राष्ट्रिय समाचार समिति ),कृति : की भार सांठू ? (मैथिली कविता संग्रह), विगत दू दशकसं नेपाली आ मैथिली लेखन तथा अभियानमे निरन्तर क्रियाशील आ विभिन्न संघ संस्थासं आबद्ध।—सम्पादक
की भार सॉंठू ?.........
लाते लातसँ घायल
लाशे लाशसँ गन्हाएल
सङक्रान्तिक पीडामे
की भार सांठू ?.........
थुराएल चानी
फ़ुफ़डिआएल अहिबक फ़ड
शोकाएल चाउर, पीपाएल आँजुर
दन्त्यकथाक पात्र जकाँ
कचोट द' रहल अछि
गत्र गत्रमे बेधल भाला-गडाँस
टीसे-टीसे द' रहल अछि
फ़ाटल चिटल कपडा-लत्ता
मूँह कतहु, हाथ कतहु स्ट्रेमे राखल सिगरेटक ठुट्टीसन
लावारिस भ' गेल इतिहासमे बहल नोर
फ़ेर एहिबेर सेहो बहि गेल
गन्हाएल लाशक भार कोनाक' साठू ?.........
अनिष्टकारी अमरौती पीने अछि
ओकरा लेल सत्यम,शिवम आ सुन्दरमक सर्जक बाधकतत्व
बाधकतत्व मरि जाए/माहुरे माहुर भ' जाए
अन्यायक अमरलत्ती/द्रोपदीक चिरसन नमरैत चलि जाए
एहन सनकमे सनकैत ओकर अमरौती
कखनो बारुद फ़ेकैए/कखनो धराप रखैए
बारुद आ धरापमे पोस्तादाना कत' ताकू
जे अनरसा बनाएब आ भार सांठब
क्यानभासमे फ़ाटल गाछ देखि
अन्हडि-बिहाडि अएबे करत
विश्र्वासक जयन्ती अङकुरित भेल अछि
परन्च बहुतो धोएल सींथक सेनुरक
कारुणिकताक भार कोनाक' साठू ? .........
नियति
बिछानरुपी मशानमे अर्थहीन भ'
अपन लाशक कठियारी स्वयमसन भ' गेल छी
इच्छासभमे पूर्णविराम लागि गेल अछि
तें
एकटा नियति भ' गेल छी
हॅसलासँ मात्र नंहि
कनएटा पडैत अछि
कनैत कनैत थाकि जाइत छी
तखनो
शान्ति नहि
किछु मनोविनोद करएटा पडैत अछि
बनाबटी मुस्की छोडएटा पडैत अछि
धन्य कथा !
धन्य यथार्थ !!
तें
जीवन मृत्युमे लीन होइत जा रहल अछि
जीवन आ मॄत्यु मन्जिल होइत जारहल अछि
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