अजय सरवैया
गुजराती कवि
गुजरातीसँ अंग्रेजी अनुवाद हेमांग देसाई द्वारा। अंग्रेजीसँ मैथिली अनुवाद गजेन्द्र ठाकुर द्वारा।
अहाँक तामस हमर स्वागतपथ
“अहाँ आवेष्टित छी प्रतिध्वनि आ मोहक स्वरसँ”. पाब्लो नेरुदा
चक्रधर आ पीयुषक लेल
“कहाँ धरि हम खिचैत रहब एना”? ओ पूछत
आद्र मुखसँ
हेराएल आँखिसँ
हम राखब सोझाँ शब्दकेँ, ओ रखतीह नियमावली
हम करब सोझाँ अपन इच्छा,
ओ भ्रमकेँ
हम देबन्हि मेघ, ओ चक्र
हम आनब प्रश्न, ओ पलायन
हम प्रतिभाक प्रेमी, ओ बन्धनक
हम स्वप्नक आकांक्षी, ओ
निर्जनताक
कहिया धरि? हम बुझलहुँ नीक जकाँ
हमर भाग्य रहए फराक
हमरा सभक दिन राति सेहो
ऋतु आ पाबनि तिहार जकाँ
समय काल हमरा सभक अन्तर
हमरा सभक विभिन्नता रहए
विभिन्न
हमरा सभ प्रेम करैत रही
कतेक दिन धरि?
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