पीयूष ठक्कर
गुजराती कवि
गुजरातीसँ अंग्रेजी अनुवाद हेमांग देसाई द्वारा। अंग्रेजीसँ मैथिली अनुवाद गजेन्द्र ठाकुर द्वारा।
सांध्य बेला
साँझ होइते
शिशिर आह पर्वतक
आच्छादित कएल आकाश
अविलम्ब पड़त सम्पूर्ण आकाश फाँसमे
एहि पर्वतक छाहक
पर्वतकेँ भेटत अकाश
प्रकाशकेँ छाह
शरीर सुतत
हृदय दुखित
ओहिना जेना
ईश्वरकेँ भेटल मनुक्ख
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