राजेन्द्र पटेल
गुजराती कवि
गुजरातीसँ अंग्रेजी अनुवाद हेमांग देसाई द्वारा। अंग्रेजीसँ मैथिली अनुवाद गजेन्द्र ठाकुर द्वारा।
१
हम किएक कऽ रहल छी अनुभव
धरा बिन शाखक
बिना एहि हाथक?
पसारैत दूर आ विस्तृत
जीवित साँपक ताकिमे
ई सभ हाथ एक दोसरमे ओझराएल
आ समाप्त होइत मात्र नहक वृद्धिमे।
बाबाक छड़ीक पकड़िसँ
बसक ठाढ़ होएबला लटकल चक्र
मुट्ठी अनैत अछि वैह अविचल शून्याकाश।
ओकर कए अनुभूति
ई सभ खेंचल कार कौआक हाथ
घुमि जाएत आकाश दिस
सभटा खेत अंकुरित प्रफुल्लित
पृथ्वीक गत्र-गत्रक
पाँजर खेतमे औंगठल
बाँहि जकाँ।
सभटा हरक फारक चेन्ह
भाग्य रेखा हाथक।
पंक्ति जोखि सकैए
मात्र हाथक लम्बाई
नहि एकर जड़ि
पहिने हम कए सकी एकर निदान
हाथक आक्रमण जड़िपर
श्वेत धरापर
रोशनाईसँ पसरल
अपन नव अंकुरित आँखिए
उड़ि गेल नव-जनमल पाँखिए
ओहि धूसरित गगनक पार
आब
सभटा मस्तिष्क कोशिकामे
हाथ रहैछ अहर्निश
प्रवेश कए रहल गँहीर आर गँहीर जड़िमे
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