भालसरिक गाछ/ विदेह- इन्टरनेट (अंतर्जाल) पर मैथिलीक पहिल उपस्थिति

भालसरिक गाछ/ विदेह- इन्टरनेट (अंतर्जाल) पर मैथिलीक पहिल उपस्थिति

(c) २०००-२०२२ सर्वाधिकार सुरक्षित। विदेहमे प्रकाशित सभटा रचना आ आर्काइवक सर्वाधिकार रचनाकार आ संग्रहकर्त्ताक लगमे छन्हि।  भालसरिक गाछ जे सन २००० सँ याहूसिटीजपर छल http://www.geocities.com/.../bhalsarik_gachh.html , http://www.geocities.com/ggajendra   आदि लिंकपर  आ अखनो ५ जुलाइ २००४ क पोस्ट http://gajendrathakur.blogspot.com/2004/07/bhalsarik-gachh.html   (किछु दिन लेल http://videha.com/2004/07/bhalsarik-gachh.html   लिंकपर, स्रोत wayback machine of https://web.archive.org/web/*/videha   258 capture(s) from 2004 to 2016- http://videha.com/  भालसरिक गाछ-प्रथम मैथिली ब्लॉग / मैथिली ब्लॉगक एग्रीगेटर) केर रूपमे इन्टरनेटपर  मैथिलीक प्राचीनतम उपस्थितक रूपमे विद्यमान अछि। ई मैथिलीक पहिल इंटरनेट पत्रिका थिक जकर नाम बादमे १ जनवरी २००८ सँ "विदेह" पड़लै। इंटरनेटपर मैथिलीक पहिल उपस्थितिक यात्रा विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका धरि पहुँचल अछि, जे http://www.videha.co.in/   पर ई प्रकाशित होइत अछि। आब “भालसरिक गाछ” जालवृत्त 'विदेह' ई-पत्रिकाक प्रवक्ताक संग मैथिली भाषाक जालवृत्तक एग्रीगेटरक रूपमे प्रयुक्त भऽ रहल अछि। विदेह ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA

 

(c)२०००-२०२२. सर्वाधिकार लेखकाधीन आ जतऽ लेखकक नाम नै अछि ततऽ संपादकाधीन। विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA सम्पादक: गजेन्द्र ठाकुर। सह-सम्पादक: डॉ उमेश मंडल। सहायक सम्पादक: राम वि‍लास साहु, नन्द विलास राय, सन्दीप कुमार साफी आ मुन्नाजी (मनोज कुमार कर्ण)। सम्पादक- नाटक-रंगमंच-चलचित्र- बेचन ठाकुर। सम्पादक- सूचना-सम्पर्क-समाद- पूनम मंडल। सम्पादक -स्त्री कोना- इरा मल्लिक।

रचनाकार अपन मौलिक आ अप्रकाशित रचना (जकर मौलिकताक संपूर्ण उत्तरदायित्व लेखक गणक मध्य छन्हि) editorial.staff.videha@gmail.com केँ मेल अटैचमेण्टक रूपमेँ .doc, .docx, .rtf वा .txt फॉर्मेटमे पठा सकै छथि। एतऽ प्रकाशित रचना सभक कॉपीराइट लेखक/संग्रहकर्त्ता लोकनिक लगमे रहतन्हि,'विदेह' प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका मात्र एकर प्रथम प्रकाशनक/ प्रिंट-वेब आर्काइवक/ आर्काइवक अनुवादक आ आर्काइवक ई-प्रकाशन/ प्रिंट-प्रकाशनक अधिकार ऐ ई-पत्रिकाकेँ छै, आ से हानि-लाभ रहित आधारपर छै आ तैँ ऐ लेल कोनो रॊयल्टीक/ पारिश्रमिकक प्रावधान नै छै। तेँ रॉयल्टीक/ पारिश्रमिकक इच्छुक विदेहसँ नै जुड़थि, से आग्रह। रचनाक संग रचनाकार अपन संक्षिप्त परिचय आ अपन स्कैन कएल गेल फोटो पठेताह, से आशा करैत छी। रचनाक अंतमे टाइप रहय, जे ई रचना मौलिक अछि, आ पहिल प्रकाशनक हेतु विदेह (पाक्षिक) ई पत्रिकाकेँ देल जा रहल अछि। मेल प्राप्त होयबाक बाद यथासंभव शीघ्र ( सात दिनक भीतर) एकर प्रकाशनक अंकक सूचना देल जायत।  एहि ई पत्रिकाकेँ श्रीमति लक्ष्मी ठाकुर द्वारा मासक ०१ आ १५ तिथिकेँ ई प्रकाशित कएल जाइत अछि।

स्थायी स्तम्भ जेना मिथिला-रत्न, मिथिलाक खोज, विदेह पेटार आ सूचना-संपर्क-अन्वेषण सभ अंकमे समान अछि, ताहि हेतु ई सभ स्तम्भ सभ अंकमे नइ देल जाइत अछि, ई सभ स्तम्भ देखबा लेल क्लिक करू नीचाँ देल विदेहक 346म आ 347 म अंक, ऐ दुनू अंकमे सम्मिलित रूपेँ ई सभ स्तम्भ देल गेल अछि।

“विदेह” ई-पत्रिका: देवनागरी वर्सन

“विदेह” ई-पत्रिका: मिथिलाक्षर वर्सन

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Monday, May 30, 2022

विदेह मिथिलाक खोज

 वि  दे  ह विदेह Videha বিদেহ http://www.videha.co.in  विदेह प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका Videha Ist Maithili Fortnightly e Magazine  विदेह प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका नव अंक देखबाक लेल पृष्ठ सभकेँ रिफ्रेश कए देखू। Always refresh the pages for viewing new issue of VIDEHA.

प्रस्तुत अछि विदेह, मिथिला, तीरभुक्ति आ तिरहुतक नामसँ विख्यात वर्त्तमान भारत आ नेपालमे पसरल  माटिक प्राचीन आ नव स्थापत्य, चित्रांकित अभिलेख आ मूर्त्तिकलाक एकटा छोट संग्रह। एहि संग्रहकेँ पूर्ण करबाक हेतु अपन बहुमूल्य संग्रह editorial.staff.videha@gmail.com केँ पठाऊ।  आर्काइवक सर्वाधिकार रचनाकार, सम्बन्धित फोटोग्राफर आ संग्रहकर्त्ताक लगमे छन्हि। फोटो सभ पठएबाक लेल धन्यवाद पाठकगण। साभार। पूर्णतः अव्यवसायिक उद्देश्य आ मात्र एकेडमिक प्रयोग लेल। 

 

गौरीशंकर, जमथरि, हैंठी बाली, मधुबनी

 

गौरीशंकर, जमथरि, हैंठी बाली, मधुबनी

 

गौरीशंकर, जमथरि, हैंठी बाली, मधुबनी

 
 

गौरीशंकर, जमथरि, हैंठी बाली, मधुबनी

 

गौरीशंकर, जमथरि, हैंठी बाली, मधुबनी

 

गौरीशंकर, जमथरि, हैंठी बाली, मधुबनी

 
 

गौरीशंकर, जमथरि, हैंठी बाली, मधुबनी

 

गौरीशंकर, जमथरि, हैंठी बाली, मधुबनी

 

गौरीशंकर, जमथरि, हैंठी बाली, मधुबनी

 
 

गौरीशंकर, जमथरि, हैंठी बाली, मधुबनी

 

गौरीशंकर, जमथरि, हैंठी बाली, मधुबनी

 

बाइसी-बसैटी, अररिया मिथिलाक्षर ताम्रलेख

 
 

बाइसी-बसैटी, अररिया मिथिलाक्षर ताम्रलेख

 

बाइसी-बसैटी, अररिया मिथिलाक्षर ताम्रलेख

 

बाइसी-बसैटी, अररिया मिथिलाक्षर ताम्रलेख

 
 

धरहरा, बनमनखी, पूर्णियाँ, नरसिंह अवतार

 

धरहरा, बनमनखी, पूर्णियाँ, नरसिंह अवतार

 

पूरणदेवी, पूर्णियाँ

 
 

बिदेश्वर स्थान अभिलेख, मधुबनी

 

अन्ध्राठाढी अभिलेख, मधुबनी

 

बुद्ध अष्टधातु, सिसव बसंतपुर, बगहा

 
 

12 शताब्दी, कोइलख, मधुबनी

 

अग्नि बिदेश्वर स्थान, मधुबनी बुद्ध, मुंगेर

 

अहिल्या स्थान

 
 

अन्ध्राठाढी, मधुबनी

 

अशोक स्तंभ, बसाढ, वैशाली

 

बुद्ध

 
 

अवलोकितेश्वर तारा, भागलपुर

 

बसाढ, वैशाली

 

बुद्ध भूमिस्पर्श

 
 

बुद्ध, ताम्र

 

बुद्ध मस्तक, सुलतानगंज

 

वैशाली मूर्त्ति

 
 

चामुण्डा नाग-नागिनी, मुंगेर

 

मुकुटधारी बुद्ध, अंतीचक, भागलपुर

 

नाचैत गणेश, 10म शताब्दी, दरभंगा

 
 

दरभंगा म्युजियम

 

दरभंगा म्युजियम

 

दुर्गा, कार्त्तिकेय

 
 

10म शताब्दी, भीट भगवानपुर, अन्ध्रा ठाढी

 

गणेश बुद्ध

 

गौतम बुद्ध, वैशाली

 
 

हरिहर बुद्ध

 

चिड़ैकेँ खुआबैत महिला, राजमहल

 

लौरिया नन्दनगढ, अशोक स्तंभ

 
 

लोमश सुदामा गुफा

 

मुंगेर

 

नागराज तीर्थंकर

 
 

कुमारिल भटट फेकेलाह, नालन्दा

 

विक्रमशिला विश्वविद्यालय, भागलपुर

 

ठाढ बुद्ध

 
 

पार्वती

 

रामायण

 

रामपुरवा वृषभ

 
 

रामपुरवा

 

बुद्धक अवशेष

 

संकिसा

 
 

सप्तमातृका

 

सर्वतो भद्र मण्डल

 

सूर्य

 
 

सूर्य

 

सूर्यक संगी

 

सूर्य, मधुबनी आ भागलपुर

 
 

मूर्त्ति

 

मूर्त्ति

 

मूर्त्ति, वैशाली

 
 

उमा माहेश्वर, कल्याणसुन्दर

 

वैशाली वृषभ शीर्ष

 

वैशाली, शालभंजिका भागलपुर

 
 

नाओक प्रकार

 

विष्णु बुद्धा

 

पाँखियुक्त्त महिला

 
 

अहिल्या

 

अष्टयोगिनी मन्दिर, सहरसा

 

बनगंगा

 
 

दरभंगा

 

दरभंगा नगर, 1934

 

दरभंगा मेडिकल कॉलेज

 
 

दुल्हदुल्हिन मन्दिर, जनकपुर

 

श्री यंत्र

 

गण्डीश्वर

 
 

गंगासागर पोखरि, मधुबनी

 

हनुमान मन्दिर, मधुबनी

 

हरिहरस्थान

 
 

मधुबनी हॉस्पीटल

 

जनकपुर जानकी मन्दिर

 

जानकी मन्दिर

 
 

जानकी मन्दिर, सीतामढी

 

जानकी मन्दिर, सीतामढी

 

जिला स्वास्थ्य कार्यालय राजबिराज, नेपाल

 
 

कलनेश्वर बाबा

 

कपिलेश्वर

 

कोषलेखाकार्यालय, राजबिराज, नेपाल

 
 

मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा

 

लक्ष्मीश्वर पैलेस, 1934

 

माध्यमिकविद्यालय , जनकपुर

 
 

महेन्द्र चौक, जनकपुर

 

जनकपुर मंडप

 

मिथिला, 1988 भूकम्प

 
 

पगलाबाबा धर्मशाला, जनकपुर, नेपाल

 

पंडौल अहल्या

 

मधुबनी बस स्टैंड

 
 

राज हेड ऑफिस, 1934

 

राज हॉस्पीटल, दरभंगा, 1934

 

सौराठ सभा

 
 

शिव मन्दिर, 1934

 

शिवशंकर सिनेमा, मधुबनी

 

श्यामा मन्दिर

 
 

विद्यापति मूर्त्ति, बिस्फी

 

उग्रतारा, तारास्थान, महिषी, सहरसा

 

विद्यापति स्मारक, बिस्फी

 
 

विस्फी, उदना महादेव

 

बिस्फी, विश्वेश्वरी भगवती

 

अहल्या मन्दिर, अहियारी

 
 

अशोक स्तंभ, वैशाली

 

स्तूप अशोक स्तंभ, वैशाली

 

बलिराजपुर किला पूर्वी गेट

 
 

बलिराजपुर किला मीनार

 

चण्डी स्थान, बिराटपुर, सहरसा

 

गाँधी पोखरि, ढाका, मोतिहारी

 
 

गाँधी विद्यालय, ढाका, मोतिहारी

 

गिरिजा स्थान, मधुबनी

 

हरिहर मन्दिर, सोनपुर

 
 

जैन मन्दिर, भागलपुर

 

जैन मन्दिर, वैशाली

 

कमलादित्य स्थान

 
 

कपिलेश्वर शिव मन्दिर

 

लौरिया नन्दनगढ

 

मदनेश्वर शिव मन्दिर

 
 

मन्दार पर्वत, बाँका

 

मोतिहारी सत्याग्रह स्मारक

 

परमेश्वरी मन्दिर, ठाढी, मधुबनी

 
 

रामजानकी मन्दिर, सीतामढी

 

सत्याग्रह स्मारक, सीतामढी

 

शांति स्तूप, वैशाली

 
 

उच्चैठ भगवती

 

उच्चैठ मन्दिर

 

सिंघेश्वर स्थान, मधेपुरा

 
 

सूर्यधाम, परसा

 

उग्रतारा मन्दिर, महिषी, सहरसा

 

वैशाली स्तूप

 
 

विक्रमशिला विश्वविद्यालय, भागलपुर

 

विराटपुर मन्दिर, मधेपुरा

 

वृषभ शीर्ष, रामपुरवा

 
 

सिंह शीर्ष, रामपुरवा

 

शरभ, नेपाल

 

पाँखियुक्त्त देवी, वैशाली

 
 

बाबा बडेश्वर, देवना, बनगाँव

 

वट वृक्ष, बनगाँव

 

भगवान विष्णु, देवना, बनगाँव

 
 

शास्त्रार्थ स्थल,तारास्थान महिषी

 

शास्त्रार्थ स्थल,तारास्थान महिषी

 

तारास्थान महिषी

 
 

माता तारा, तारास्थान महिषी

 

उग्रतारा (खादर वाणी तारा) मूर्ति, महिषी

 

वशिष्ठ मुनि, तारास्थान महिषी

 
 

आवर्धित काली उच्चैठ

 

बौद्धदेवी तारा वारी समस्तीपुर

 

भगवती देकुली

 
 

भगवती गिरिजा फुल्हर

 

भगवती मृणमूर्ति गन्धबारि

 

भगवती वारी समस्तीपुर

 
 

भुवनेश्वरी कोर्थ

 

देवीकाली कोर्थ

 

गंगामूर्ति नगरडीह दरभंगा

 
 

गोसाउनि मन्दिर कोर्थ

 

हैहट्ट देवी हाबीडीह

 

काली उच्चैठ

 
 

महिषासुरमर्दिनी बहेरी दरभंगा

 

महिषासुरमर्दिनी हाबीडीह

 

महिषासुरमर्दिनी नाहर-भगवतीपुर

 
 

उमा म्लेच्छमर्दिनी मिर्जापुर दरभंगा

 

यमुना भैरव बलिया मधुबनी

 

अष्टभुज गणेश,कोर्थ

 
 

भैरव, भैरव-बलिया

 

नटराज, तारालाही

 

शिव-पार्वती मन्दिर, कपिलेश्वरस्थान

 
 

शिव-पार्वती मन्दिर, कपिलेश्वरस्थान

 

शिव मन्दिर, सिंगिया, विस्पी

 

उमामाहेश्वर, महादेवमठ

 
 

उमामाहेश्वर, तिरहुत

 

विष्णु, भवानीपुर

 

विष्णु, भीठ भगवानपुर

 
 

विष्णु, जयनगर

 

विष्णु, लदहो

 

विष्णु, साहो-पररी, हाबीडीह

 
 

शेषशायी विष्णु, सवास, मुजफ्फरपुर

 

वराह मूर्ति, तिलकेश्वरस्थान

 

मिथिलाक्षर अभिलेख, विष्णु बुद्ध मूर्ति

 
 

भगवती उच्चैठ, बेनीपट्टी

 

भगवती वाणेश्वरी, भंडारीसम

 

चामुण्डा मन्दिर, कटरा, मुजफ्फरपुर

 
 

अष्टभुज गणेश, हाबीडीह

 

अष्टभुज गणेश, कोर्थ

 

गंगा, आन्ध्रा-ठाढ़ी

 
 

महिषासुरमर्दिनी, दुर्गा

 

म्लेच्छमर्दिनी मन्दिर, मिर्जापुर, दरभंगा

 

नटराज

 
 

राममन्दिर, अहिल्यास्थान

 

सेहनी, वैशाली, विष्णु तिलक-यज्ञोपवीतधारी

 

रूपनगर शिव मन्दिर

 
 

सूर्य, देकुली

 

सूर्य मूर्ति, डिलाही

 

सूर्य मूर्ति, विष्णु, बरुआर

 
 

उमामाहेश्वर

 

यमुना, आन्ध्रा-ठाढ़ी

 

सिमरौनागढ़ मूर्ति

 
 

आदि काली, चैनपुर सहरसा

चैनपुर सहरसा- मिथिलाक एकमात्र नीलकंठ मन्दिर, संगमे आदिकालीन भव्य काली-मन्दिर सेहो एहि गाममे अछि। महाशिवरात्रि आ कालीपूजा बड़ धूमधामसँ चैनपुरमे होइत अछि।

 

त्योथागढ़क स्वामी माध्वानन्द कौलाचार्य काली मन्दिर

त्योथा गढ़ लग। पुरान गढ़। एकर पूबमे ब्रह्मपुराक बाबा हरिहरनाथ महादेव मन्दिर आ दक्षिणमे उच्चैठ भगवती छथि।

 

त्योथागढ़क दसमुखी काली

त्योथा गढ़ लग। पुरान गढ़। एकर पूबमे ब्रह्मपुराक बाबा हरिहरनाथ महादेव मन्दिर आ दक्षिणमे उच्चैठ भगवती छथि।

 
 

कोइलख (मधुबनी) देवीक मन्दिर

 

अकौर, बेनीपट्टी, भगवती दुर्गा, भगवतीपीठ

 

अकौर, बेनीपट्टी, भगवती दुर्गा, भगवतीपीठ

 
 

१.अष्टभुज गणेश, कोर्थ २.शिव मन्दिर, सिंघिया, बिस्फी

 

१. बौद्ध देवी तारा, वारी, समस्तीपुर २.उग्रतारा मन्दिर, महिषी, सहरसा

 

१.भगवती, वारी २.भगवती, देकुली

 
 

१. भगवती गिरिजा, फुलहर २.काली, उच्चैठ

 

१. भैरव, भैरव बलिया २. उमामाहेश्वर, महादेवमठ

 

१. देवीकाली, कोर्थ २. गुसाउनि स्थल मन्दिर, कोर्थ

 
 

१. गणेश, लहेरियासराय २.उमामाहेश्वर ३. नटराज, ४. विष्णु, तिलक, जनउ धारी, सेहान, वैशाली

 

१. गंगा मूर्ति, नगरडीह, दरभंगा २. भगवती मृण्मूर्ति, गन्धवारि

 

१. हैहट्ट देवी, हाबीडीह २.भुवनेश्वरी, कोर्थ

 
 

१. कथित काली, उच्चैठ, २.अष्टभुज गणेश, कोर्थ

 

१. महिषासुर मर्दिनी, हाबीडीह, २.उमा, म्लेच्छमर्दिनी, मिर्जापुर, दरभंगा

 

१.महिषासुरमर्दिनी, भगवतीपुर, नाहर, महिषासुर मर्दिनी, बहेरी, दरभंगा

 
 

१. म्लेच्छमर्दिनी भगवती, मिर्जापुर, दरभंगा २. राम मन्दिर, अहिल्यास्थान

 

१. म्लेच्छमर्दिनी भगवती, मिर्जापुर, दरभंगा २.सिंहेश्वर स्थान, मधेपुरा

 

१. नटराज, तारालाही २. उमामाहेश्वर

 
 

१_शेषसायी, सवास, मुजफ्फरपुर, २_नटराज_तारालाही ३_ भगवती ४_ उमा माहेश्वरी

 

१-शिव पार्वती मन्दिर, कपिलेश्वर स्थान २. सूर्य मूर्ति डिलाही

 

१_ सूर्यमूर्ति, विष्णु बरुआर २. गंगा, आन्ध्रा ठाढ़ी

 
 

१_उच्चैठ भ्हगवती, बेनीपट्टी २_महिषासुरमर्दिनी, दुर्गा ३_ चामुण्डा मन्दिर, कटरा, मुजफ्फरपुर ४._भगवती वानेश्वरी, भण्डारिसम

 

१. वराहमूर्ति, तिलकेश्वरस्थान, २.विष्णु, भवानीपुर

 

१. विष्णु, जयनगर २.विष्णु, भीठ भगवानपुर

 
 

१_विष्णु, लदहो, २.सूर्य, देकुली

 

१_विष्णु_साहो परड़ी, स्थापित-हाभीडीह २.बुद्ध-विष्णु मूर्ति अभिलेख

 

१_विष्णु, सेहान, २_वराह ३_गणेश ४.शिव मन्दिर_रूपनगर

 
 

१_यमुना, आन्ध्रा ठाढ़ी, २.अष्टभुज गणेश, हाबीडीह

 

१_यमुना, भैरव बलिया, २_शेषसायी, सवास, मुजफ्फरपुर, ३_नटराज_तारालाही ४_ भगवती ५_ उमा माहेश्वरी

 

कथित, काली, उच्चैठ, बेनीपट्टी

 

 

मिथिलाक खोज

ई आलेख हमर दशकसँ ऊपरक मिथिलाक यात्राक उपरान्तक सूत्र-वृत्तान्त अछि आ एहिमे एहि सभ स्थानक स्थानीय निवासी आ गाइड सभक अकथनीय योगदान छन्हि । कखनो कालतँ भाड़ाक गाड़ीक ड्राइवर लोकनि सेहो नीक गाइड सिद्ध भेलाह ।-गजेन्द्र ठाकुर

१.गौरी-शंकर स्थान- मधुबनी जिलाक जमथरि गाम आ हैंठी बाली गामक बीच ई स्थान गौरी आ शङ्करक सम्मिलित मूर्त्ति आ एहि पर मिथिलाक्षरमे लिखल पालवंशीय अभिलेखक कारणसँ विशेष रूपसँ उल्लेखनीय अछि। ई स्थल एकमात्र पुरातन स्थल अछि जे पूर्ण रूपसँ गामक उत्साही कार्यकर्त्ता लोकनिक सहयोगसँ पूर्ण रूपसँ विकसित अछि। शिवरात्रिमे एहि स्थलक चुहचुही देखबा योग्य रहैत अछि। बिदेश्वरस्थानसँ २-३ किलोमीटर उत्तर दिशामे ई स्थान अछि।
२.भीठ-भगवानपुर अभिलेख- राजा नान्यदेवक पुत्र मल्लदेवसँ संबंधित अभिलेख एतए अछि। मधुबनी जिलाक मधेपुर थानामे ई स्थल अछि।
३.हुलासपट्टी- मधुबनी जिलाक फुलपरास थानाक जागेश्वर स्थान लग हुलासपट्टी गाम अछि। कारी पाथरक विष्णु भगवानक मूर्त्ति एतए अछि।
४.पिपराही-लौकहा थानाक पिपराही गाममे विष्णुक मूर्त्तिक चारू हाथ भग्न भए गेल अछि।
५.मधुबन- पिपराहीसँ १० किलोमीटर उत्तर नेपालक मधुबन गाममे चतुर्भुज विष्णुक मूर्त्ति अछि।
६.अंधरा-ठाढ़ीक स्थानीय वाचस्पति संग्रहालय- गौड़ गामक यक्षिणीक भव्य मूर्त्ति एतए राखल अछि।
७.कमलादित्य स्थान- अंधरा ठाढ़ी गामक लगमे कमलादित्य स्थानक विष्णु मंदिर कर्णाट राजा नान्यदेवक मंत्री श्रीधर दास द्वारा स्थापित भेल।
८.झंझारपुर अनुमण्डलक रखबारी गाममे वृक्षक नीचाँ राखल विष्णु मूर्त्ति, गांधारशैली मे बनाओल गेल अछि।
९.पजेबागढ़ वनही टोल- एतए एकटा बुद्ध मूर्त्ति भेटल छल, मुदा ओकर आब कोनो पता नहि अछि। ई स्थल सेहो रखबारी गाम लग अछि।
१०.मुसहरनियां डीह- अंधरा ठाढ़ीसँ ३ किलोमीटर पश्चिम पस्टन गाम लग एकटा ऊंच डीह अछि।बुद्धकालीन एकजनियाँ कोठली, बौद्धकालीन मूर्त्ति, पाइ, बर्त्तनक टुकड़ी आ पजेबाक अवशेष एतए अछि।
११.भगीरथपुर- पण्डौल लग भगीरथपुर गाममे अभिलेख अछि जाहिसँ ओइनवार वंशक अंतिम दुनू शासक रामभद्रदेव आ लक्ष्मीनाथक प्रशासनक विषयमे सूचना भेटैत अछि।
१२.अकौर- मधुबनीसँ २० किलोमीटर पश्चिम आ उत्तरमे अकौर गाममे एकटा ऊँच डीह अछि, जतए बौद्धकालक मूर्त्ति अछि।
१३.बलिराजपुर किला- मधुबनी जिलाक बाबूबरही प्रखण्डसँ ५ किलोमीटर पूब बलिराजपुर गाम अछि। एकर दक्षिण दिशामे एकटा पुरान किलाक अवशेष अछि। किला चारि किलोमीटर नमगर आ एक किलोमीटर चाकर अछि। दस फीटक मोट देबालसँ ई घेरल अछि।
१४.असुरगढ़ किला- मिथिलाक दोसर किला मधुबनी जिलाक पूब आ उत्तर सीमा पर तिलयुगा धारक कातमे महादेव मठ लग ५० एकड़मे पसरल अछि।
१५.जयनगर किला- मिथिलाक तेसर किला अछि भारत नेपाल सीमा पर प्राचीन जयपुर आ वर्त्तमान जयनगर नगर लग। दरभंगा लग पंचोभ गामसँ प्राप्त ताम्र अभिलेख पर जयपुर केर वर्णन अछि।
१६.नन्दनगढ़- बेतियासँ १२ मील पश्चिम-उत्तरमे ई किला अछि। तीन पंक्त्तिमे १५ टा ऊँच डीह अछि।
१७.लौरिया-नन्दनगढ़- नन्दनगढ़सँ उत्तर स्थित अछि, एतए अशोक स्तंभ आ बौद्ध स्तूप अछि।
१८.देकुलीगढ़- शिवहर जिलासँ तीन किलोमीटर पूब हाइवे केर कातमे दू टा किलाक अवशेष अछि। चारू दिशि खधाइ अछि।
१९.कटरागढ़- मुजफ्फरपुरमे कटरा गाममे विशाल गढ़ अछि, देकुली गढ़ जेकाँ चारू कात खधाइ खुनल अछि।
२०.नौलागढ़-बेगुसरायसँ २५ किलोमीटर उत्तर ३५० एकड़मे पसरल ई गढ़ अछि।
२१.जयमंगलगढ़-बेगूसरायमे बरियारपुर थानामे काबर झीलक मध्य एकटा ऊँच डीह अछि। एतए ई गढ़ अछि।
 नाओकोठी (मझौल) गाम लग ई गढ़ अछि।
२१ अ.मंगलगढ़- समस्तीपुर जिलामे दुधपुरा बजार लग देओढ गाम लग

२२.अलौलीगढ़-खगड़ियासँ १५ किलोमीटर उत्तर अलौली गाम लग १०० एकड़मे पसरल ई गढ़ अछि।
२३.कीचकगढ़-पूर्णिया जिलामे डेंगरघाटसँ १० किलोमीटर उत्तर महानन्दा नदीक पूबमे ई गढ़ अछि।
२४.बेनूगढ़-टेढ़गाछ थानामे कवल धारक कातमे ई गढ़ अछि।
२५.वरिजनगढ़-बहादुरगंजसँ छह किलोमीटर दक्षिणमे लोनसवरी धारक कातमे ई गढ़ अछि।
२६.गौतम तीर्थ- कमतौल स्टेशनसँ ६ किलोमीटर पश्चिम ब्रह्मपुर गाम लग एकटा गौतम कुण्ड पुष्करिणी अछि।
२७.हलावर्त्त- जनकपुरसँ ३५ किलोमीटर दक्षिण पश्चिममे सीतामढ़ी नगरमे हलवेश्वर शिव मन्दिर आ जानकी मन्दिर अछि। एतएसँ डेढ़ किलोमीटर पर पुण्डरीक क्षेत्रमे सीताकुण्ड अछि। हलावर्त्तमे जनक द्वार हर चलएबा काल सीता भेटलि छलीह। राम नवमी (चैत्र शुक्ल नवमी) आ जानकी नवमी (वैशाख शुक्ल नवमी) पर एतए मेला लगैत अछि।
२८.फुलहर-मधुबनी जिलाक हरलाखी थानामे फुलहर गाममे जनकक पुष्पवाटिका छल जतए सीता फूल लोढ़ैत छलीह।
२९.जनकपुर-बृहद् विष्णुपुराणमे मिथिलामाहात्म्यमे जनकपुर क्षेत्रक वर्णन अछि। सत्रहम शताब्दीमे संत सूर किशोरकेँ अयोध्यामे सरयू धारमे राम आ जानकीक दू टा भव्य मूर्त्ति भेटलन्हि, जकरा ओ जानकी मन्दिर, जनकपुरमे स्थापित कए देलन्हि। वर्त्तमान मन्दिरक स्थापना टीकमगढ़क महारानी द्वारा १९११ ई. मे भेल। नगरक चारूकात यमुनी, गेरुखा आ दुग्धवती धार अछि। राम नवमी (चैत्र शुक्ल नवमी),जानकी नवमी (वैशाख शुक्ल नवमी) आ विवाह पंचमी (अगहन शुक्ल पंचमी) पर एतए मेला लगैत अछि।
३०.धनुषा- जनकपुरसँ १५ किलोमीटर उत्तर धनुषा स्थानमे पीपरक गाछक नीचाँ एकटा धनुषाकार खण्ड पड़ल अछि। रामक तोड़ल ई धनुष अछि। एहिसँ पूब वाणगंगा धार बहैत अछि जे लक्ष्मण द्वारा वाणसँ उद्घाटित भेल छल।
३१.सुग्गा-जनकपुर लग जलेश्वर शिवधामक समीप सुग्गा ग्राममे शुकदेवजीक आश्रम अछि। शुकदेवजी जनकसँ शिक्षा लेबाक हेतु मिथिला आएल छलाह- एहि ठाम हुनकर ठहरेबाक व्यवस्था भेल छल।
३२.सिंहेश्वर- मधेपुरासँ ५ किलोमीटरपर गौरीपुर गाम लग सिंहेश्वर शिवधाम अछि।
३३.कपिलेश्वर-कपिल मुनि द्वार स्थापित महादेव मधुबनीसँ ६ किलोमीटर पश्चिममे अछि।
३४.कुशेश्वर- समस्तीपुरसँ उत्तर-पूब, लहेरियासरायसँ 60 किलोमीटर दक्षिण-पूब आ सहरसासँ २५ किलोमीटर पश्चिम ई एकटा प्रसिद्ध शिवस्थान अछि। एतए चिड़ै-अभ्यारण्य सेहो अछि जतए उज्जर आ कारी गैबर, लालसर, दिघौछ, मैल, नकटा, गैरी, गगन, सिल्ली, अधानी, हरिअल, चाहा, करन, रतबा चिड़ै सभ अनायासहि नवम्बरसँ मार्च धरि देखबामे आएत ।
३५.सिमरदह-थलवारा स्टेशन लग शिवसिंह द्वारा बसाओल शिवसिंहपुर गाम लग ई शिवमन्दिर अछि।
३६.सोमनाथ- मधुबनी जिलाक सौराठ गाममे सभागाछी लग सोमदेव महादेव छथि।
३७.मदनेश्वर- मधुबनी जिलाक अंधरा ठाढ़ीसँ ४ किलोमीटर पूब मदनेश्वर शिव स्थान अछि।
३८.कुन्दग्राम:हाजीपुरसँ बत्तीस किलोमीटर उत्तर-पूर्वमे बसाध-वैशाली आ लगमे वासोकुण्ड लग गाम गढ़-टीलासँ २ कि.मी. उत्तर-पूर्व अछि कुन्दग्राम , जतए जैनक २४म तीर्थंकर महावीरक जन्म भेल छलन्हि। एतए बुद्धक छाउर, अभिषेक पुषकरणी (राजा अभिषेकसँ पूर्व एतए नहाइत रहथि), अशोक स्तम्भ आ संसद-भवन (राजा विशालक गढ़) अछि।
३९.चण्डेश्वर- झंझारपुरमे हरड़ी गाम लग चण्डेश्वर ठाकुर द्वारा स्थापित चण्डेश्वर शिवस्थान अछि।
४०.बिदेश्वर-मधुबनी जिलामे लोहनारोड स्टेशन लग स्थित शिवधामक स्थापना महाराज माधवसिंह कएलन्हि। ताहि युगक मिथिलाक्षरक अभिलेख सेहो एतए अछि।
४१.शिलानाथ- जयनगर लग कमला धारक कातमे शिलानाथ महादेव छथि।
४२.उग्रनाथ-मधुबनीसँ दक्षिण पण्डौल स्टेशन लग भवानीपुर गाममे उगना महादेवक शिवलिंग अछि। विद्यापतिकेँ प्यास लगलन्हि तँ उगनारूपी महादेव जटासँ गंगाजल निकालि जल पिएलखिन्ह। विद्यापतिक हठ कएला पर एहि स्थान पर उगना हुनका अपन असल शिवरूपक दर्शन देलखिन्ह।
४३.उच्चैठ छिन्नमस्तिका भगवती- कमतौल स्टेशनसँ १६ किलोमीटर पूर्वोत्तर उच्चैठमे कालिदास भगवतीक पूजा करैत छलाह। भगवतीक मौलिक मूर्त्ति मस्तक विहीन अछि।
४४.उग्रतारा- मण्डन मिश्रक जन्मभूमि महिषीमे मण्डनक गोसाउनि उग्रतारा छथि।
४५.भद्रकालिका- मधुबनी जिलाक कोइलख गाममे भद्रकालिका मंदिर अछि।
४६.चामुण्डा- मुजफ्फरपुर जिलामे कटरागढ़ लग लक्ष्मणा वा लखनदेइ धार लग दुर्गा द्वारा चण्ड-मुण्डक वध कएल गेल। ओहि स्थान पर ई मन्दिर अछि।
४७.परसा सूर्य मन्दिर- झंझारपुरमे सग्रामसँ पाँच किलोमीटर पूर्व परसा गाममे साढ़े चारि फीटक भव्य सूर्य मूर्त्ति भेटल अछि।
४८.बिसफी- मधुबनी जिलाक बेनीपट्टी थानामे कमतौल रेलवे स्टेशनसँ ६ किलोमीटर पूब आ कपिलेश्वर स्थानसँ ४ किलोमीटर पश्चिम बिसफी गाम अछि। विद्यापतिक जन्म-स्थान ई गाम अछि। एतए विद्यापतिक स्मारक सेहो अछि।
४९.मंदार पर्वत-बांका स्थित स्थलमे मिथिलाक्षरक गुप्तवंशीय ७म् शताब्दीक अभिलेख अछि। समुद्र मंथनक हेतु मंदारक प्रयोग भेल छल। निकटमे बौंसीमे जैनक बारहम तीर्थंकर वासुपूज्य नाथक दूटा मूर्त्ति अछि, पैघ मूर्ति लाल पाथरक अछि तँ दोसर काँसाक जकर सोझाँ दूटा पदचिन्ह अछि। जैनक बारहम तीर्थंकर वासुपूज्य नाथक जन्म चम्पानगरमे आ निर्वाण एतहि भेल छलन्हि।
५०.विक्रमशिला-भागलपुरमे स्थित प्राचीन विश्वविद्यालय। भागलपुर जिलाक अंतीचक गाममे राजा धर्मपालक बनाओल बुद्ध विश्वविद्यालय अछि। १०८ व्याख्याता लेल रहबाक स्थान आ बाहरसँ पढ़ए बला लेल सेहो स्थान एतए निर्मित अछि
५१. मिथिलाक बीस टा सिद्ध पीठ- १.गिरिजास्थान(फुलहर,
 मधुबनी), २.दुर्गास्थान(उचैठ, मधुबनी), ३.रहेश्वरी (दोखर,  मधुबनी), ४.भुवनेश्वरीस्थान(भगवतीपुर, मधुबनी), ५.भद्रकालिका(कोइलख, मधुबनी), ६.चमुण्डा स्थान(पचाही, मधुबनी), ७.सोनामाइ(जनकपुर, नेपाल), ८.योगनिद्रा(जनकपुर, नेपाल)९.कालिका स्थान (जनकपुर स्थान), १०.राजेश्वरी देवी(जनकपुर, नेपाल), ११.छिनमस्ता देवी(उजान, मधुबनी), १२.बनदुर्गा(खररख, मधुबनी), १३.सिधेश्वरी देवी(सरिसव, मधुबनी), १४.देवी-स्थान (अंधरा ठाढ़ी, मधुबनी),१५.कंकाली देवी (भारत नेपाल सीमा आ रामबाग प्लेस, दरभंगा), १६.उग्रतारा (महिषी, सहरसा), १७.कात्यानी देवी(बदलाघाट, सहरसा), १८.पुरन देवी(पूर्णियाँ), १९.काली स्थान (दरभंगा), २०.जैमंगलास्थान(मुंगेर), ५२. जनकपुर परिक्रमाक १५ स्थल आ ओतुक्का मुख्य देवता १. हनुमाननगर- हनुमानजी, २.कल्याणेश्वर- शिवलिंग, ३.गिरिजा-स्थान- शक्ति, ४.मटिहानी- विष्णु मन्दिर, ५.जालेश्वर- शिवलिंग, ६.मनाई- माण्डव ऋषि, ७. श्रुव कुण्ड- ध्रुव मन्दिर, ८.कंचन वन- कोनो मन्दिर नञि मात्र मनोरम दृश्य, ९.पर्वत- पाँच टा पर्वत, १०.धनुषा- शिवधनुषक टुकड़ी, ११.सतोखड़ी- सप्तर्षिक सात टा कुण्ड, १२.हरुषाहा- विमलागंगा, १३. करुणा- कोनो मन्दिर नहि मात्र मनोरम दृश्य, १४. बिसौल- विश्वामित्र मन्दिर, १५.जनकपुर।“मिथिलायदयश्च मध्यंते रिपवो इति मिथिला नगरी” - मिथिला जतए शत्रुकेँ मथल जाइत अछि- पाणिनीक विवरण ।

५३. चैनपुर सहरसा- मिथिलाक एकमात्र नीलकंठ मन्दिर, संगमे आदिकालीन भव्य काली-मन्दिर सेहो एहि गाममे अछि। महाशिवरात्रि आ कालीपूजा बड़ धूमधामसँ चैनपुरमे होइत अछि।
५४.धरहरा, बनमनखी, पूर्णियाँमे नरसिंह अवतारक स्थान अछि, एकटा खोह जेकाँ पैघ पाया अछि जाहिमे जे किछु फेकबैक तँ बड़ी काल धरि गों-गोँ अबाज होइत रहत। ई स्थान आब नरसिंह भगवानक मूर्ति आ मन्दिरक कारणसँ बेश विकसित भए गेल अछि।
५५.नेऊरी: दरभंगाक बिरौल प्रखण्डसँ १३.किलोमीटर पश्चिममे एकटा गढ़ अछि जे लोरिकक मानल जाइत अछि।
५६.दरभंगा कैथोलिक चर्च: १८९१मे स्थापित ई चर्च १८९७ केर भूकम्पमे क्षतिग्रस्त भए गेल। एकरा होली रोजेरी चर्च सेहो कहल जाइत अछि।
५७.सेंट फांसिस ऑसिसी चर्च मुजफ्फरपुरमे अछि।
५८.भिखा सलामी मजार: गंगासागर पोखरि दरभंगाक महारपर ई मजार अछि।
५९.दरभंगा टावर मस्जिद इस्लाम मतावलम्बीक एकटा भव्य मस्जिद आ धार्मिक स्थल अछि।
६०. मकदूम बाबाक मजार:ललित नारायण मिथिला विश्ववविद्यालय आ कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगाक बीच स्थित ई मजार हिन्दू आ मुस्लिम मतावलम्बीक एकटा पावन स्थान अछि।
६१.चम्पानगर:भागलपुरक पश्चिममे, आब नगरसँ सटि गेल अछि। ई जैन लोकनिक एकटा पवित्रस्थल अछि, एतए महावीर तीनटा बस्सावास कएने रहथि। दू टा जैन मन्दिर एतए अछि, जे जैनक बारहम तीर्थंकर वासुपूज्य नाथकेँ समर्पित अछि।
६२.बसैटी अभिलेख- पूणियाँमे श्रीनगर लग मिथिलाक्षरक ई अभिलेख मिथिलाक पहिल महिला शासक रानी इद्रावतीक राज्यकालक वर्णन करैत अछि। एकर आधार पर मदनेश्वर मिश्र ’एक छलीह महारानी’ उपन्यास सेहो लिखने छथि।
बाइसी-बसैटी, अररिया मिथिलाक्षर 
अभिलेख- रानी इन्द्रावती (१७८४-१८०२) जे फूड-फॉर-वर्क आ अन्य कल्याणकारी कार्यक प्रारम्भ कएलन्हि केर मिथिलाक्षर अभिलेख एतए एकटा मन्दिरक ऊपरमे ताम्र-पत्रपर कीलित अछि जे निम्न प्रकारसँ अछि:-
बसैटी (अररिया) बिहार, शिव मन्दिरक मिथिलाक्षर 
अभिलेखक देवनागरी लिप्यान्तरण।

वंशे सभा समाने सुरगन बिदिते भू सूरस्यावतिर्ना।
राजाभूतकृष्णदेवोनृपति समरसिंहा मिधस्यात्मजातः॥
यस्मिन् राज्याभिषेकं फलयितु मिवतद्भक्तितुष्टोमहेशः।
कैलाशाद् भूगतेद्योप्यधिन सतितरा वैद्यनाथेन नाम्नाः॥
तस्य तनुजः सुकृतिनृपवरौ विश्वनाथ राजा भूत।
विरनारायण राजस्तस्याप्यासीद् सुतस्य॥
नरनारायण राजो नरपति कुल मौलि भूषणम् पुनः।
अर्थिनकल्पद्रूमदूव सुरगन वंसावतंसोत्भूत॥२॥
तस्मादि वैरिकुल सूदन रामचन्द्र नारायणो नरपतिस्तनयो वभूक।
संमोदिता दश दिशो निज कीर्ति चन्द्र ज्योतिस्नेहाभिरार्थ निवहः सुरिवतश्चयेण॥३।।
यद्दानवारि परिवर्द्धित वारि राशि सक्तान्त कीर्ति विमलेन्दु मरिचिकाभिः।
प्रोद्योतिता दशदिशः सतनुज इन्द्रनारायणोस्य कुलभूषण राजराजः॥४॥
तेनच सत्कुल जाता तनया मनबोध शझणिः कृतिनः।
परिणीता बन्धु यत्नैस्त्रिलोचननाद्रि पुत्रीव॥५॥
यस्या प्रतापतरणावुदितेऽपिचिते
चिन्तारजविन्द वनमालभते विकासम
सौहृदय हृदय मकरन्द च उद्येन
तत्रैव यद् गुणगणा मधुपन्ति योगात्॥६॥
यज्ञेवर्देव गणो द्विजाति निवहः सस्तायनत्यादरैः।
दर्दानैपूर्णः मनोरथोऽर्थपरन सन्तितिनिः सज्जना॥७॥
गर्ज्जद वैरि मदान्धवारण चपश्चञ्चःपेतापांकुरौ।
र्वस्याः सर्वदृशेकृतागुण चमेर्मस्याश्च भूमीतने॥८॥
श्री श्री इन्दुमति सतीमतिमती देवी महाराज्ञिका
जाता मैथिल माण्डराऽमिछकुलात् मोधोसरी जानयाः।
दानै कल्पलता मधः कृतवती श्री विष्णु सेवा परा
पातिव्रत्य परायणाच सततं गंगेर सम्पारणी॥९॥
शाकेन्दु नवचन्द्र शैलधरणी संलक्षित फाल्गुने
मासि श्रेष्ठतरे सिताहनि शितेपक्षे द्वितीयायां तिथौ।
भूदेवैर्वर वैदिकेर्म्मठमयं निर्भारय सच्चिनिमिः
तत्रे सेन्दुमति सुरस्य विधित्र प्राण प्रतिष्ठाव्यधात्॥१०॥
सोदरपुर सम्भव राजानुकम्पापजिवनिकृतिनः।
श्री शुभनायस्य कृतिर्मिदं विज्ञेक्षं सन्रन्तताम्॥११॥

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